अब भारत से ही दिखेगा करतारपुर साहिब का खूबसूरत नजारा

-बनने जा रहा है नया डीलक्स दर्शन स्थल, होगा दो मंजिला

  • पाकिस्तान नहीं जा सकने वाले श्रद्धालुओं की थी मांग
  • इस नए दर्शन स्थल का मिला है ब्लू प्रिंट

नई दिल्ली। पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब स्थित श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारा के लिए एक सुविधाजनक ‘दर्शन स्थल’ बनाने की सिख समुदाय की मांग को मानते हुए केंद्र ने 6 महीने के भीतर भारत-पाकिस्तान सीमा पर भारतीय हिस्से में एक नया अत्याधुनिक ‘दर्शन स्थल’ बनाने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। इस नए दर्शन स्थल का एक ब्लू प्रिंट मिला है।

अब उस मौजूदा ढांचे को पूरी तरह बदल दिया जाएगा, जिससे तीर्थयात्री पिछले लंबे समय से गुरु नानक के अंतिम विश्राम स्थल को दूरबीन से देखते रहे हैं। हालांकि करतारपुर साहिब कॉरिडोर से अब भारत के तीर्थयात्री पाकिस्तान में इस पवित्र गुरुद्वारे की यात्रा कर सकते हैं। लेकिन उन लोगों के लिए एक नए दर्शन स्थल की मांग लंबे समय से थी, जो पासपोर्ट की कमी जैसे दूसरे कारणों से सीमा के पार पाकिस्तान नहीं जा सकते थे।

ये है ब्लूप्रिंट में

नया दर्शन स्थल दो मंजिला होगा। जिसमें भारत की सीमा से पहली मंजिल से करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का विहंगम दृश्य देखने के लिए 8.5 मीटर ऊंची इमारत होगी। 435 वर्ग मीटर में फैली यह गैलरी गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक में पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग में बनेगी। जहां से तीर्थयात्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन के लिए पाकिस्तान जाने के लिए गलियारे से निकलते हैं।

दर्शन स्थल की पहली मंजिल में एक वीआईपी व्यूइंग डेक के साथ एक सीसे से घिरा वातानुकूलित व्यूइंग डेक और डिजिटल स्क्रीन के साथ एक वीआईपी व्यूइंग लाउंज होगा। भूतल पर एक कॉफी शॉप और एक स्मारिका की दुकान के साथ-साथ टायलेट भी होंगे। अगले महीने काम आवंटित होने के बाद इसे बनाने के लिए छह महीने की समय सीमा तय की गई है। इस महीने की शुरुआत में निविदाएं मंगाए जाने के बाद पिछले सप्ताह बोली लगाने से पहले एक बैठक बुलाई गई थी।

लंबे से समय से हो रही थी मांग

कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने पिछले साल केंद्र से एक नया दर्शन स्थल बनाने की अपील करते हुए कहा था कि यह उन हजारों तीर्थयात्रियों के लिए वरदान होगा जो मौजूदा गलियारे के चालू होने के बावजूद कई कारणों से श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के दर्शन के लिए सीमा पर जाने में असमर्थ हैं। इस समय गलियारे से गुरुद्वारे की यात्रा करने के लिए पासपोर्ट होना चाहिए। पाकिस्तान को इसके लिए 20 डॉलर शुल्क देना होता है और मंजूरी के लिए दो हफ्ते पहले ऑनलाइन आवेदन करना होता है।


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