–दिल्ली, गुरुग्राम, पटना, मधुबनी एवं कटिहार में कार्रवाई
—तेजस्वी के निर्माणाधीन माॅल पर भी छापा
–राबड़ी बोलीं- नई सरकार से डर गई भाजपा
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सीबीआई ने केंद्रीय रेल मंत्री के रूप में लालू प्रसाद के कार्यकाल के दौरान हुए भूखंड के बदले नौकरी संबंधी कथित घोटाले को लेकर गुरुग्राम स्थित एक निर्माणाधीन मॉल समेत 42 स्थलों पर बुधवार को छापे मारे। दिल्ली, गुरुग्राम, पटना, मधुबनी एवं कटिहार समेत अन्य जगहों पर छापेमारी देर रात तक जारी रही। इधर, ईडी ने कथित अवैध खनन से संबंधित धनशोधन की जांच के तहत झारखंड में कई स्थानों पर छापेमारी की और एके सीरीज की दो राइफलें बरामद कीं।
नई दिल्ली। ऐसा माना जाता है कि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के मालिकाना हक वाली एक कंपनी इस मॉल का निर्माण कर रही है। अधिकारियों ने बताया कि गुरुग्राम के सेक्टर 71 में निर्माणाधीन ‘अर्बन क्यूब्स’ मॉल का निर्माण व्हाइटलैंड कंपनी कर रही है, जिसमें यादव के परिवार की हिस्सेदारी है। यह छापेमारी ऐसे समय में की जा रही है, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल करना है। कुमार ने हाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ नाता तोड़कर राजद के साथ हाथ मिलाया है। अधिकारियों ने बताया कि विधान परिषद सदस्य सुनील सिंह, राज्य सभा के सदस्यों अशफाक करीम एवं फैयाज अहमद और विधान परिषद के पूर्व सदस्य सुबोध राय समेत राजद के कई वरिष्ठ नेताओं के परिसरों में छापे मारे जा रहे हैं। प्रसाद के निकट सहयोगी समझे जाने वाले अनिल कुमार सिंह ने पटना स्थित अपने आवास के गलियारे में संवाददाताओं से कहा, यह शतप्रतिशत जानबूझकर किया गया है.. इसका कोई मतलब नहीं है, कौन नहीं जानता है। ये लोग स्थानीय पुलिस को भी बताए बिना मेरे घर में घुस आए हैं। वे मुझसे एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने के लिए कह रहे हैं। इस बीच, सिंह की पत्नी ने चिल्लाते हुए कहा, मेरे पति को उनकी वफादारी के कारण (राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के विश्वासपात्र होने के कारण) प्रताड़ित किया जा रहा है। सीबीआई को हमारी जगह से कुछ नहीं मिलेगा। मैं एजेंसी पर मानहानि का मुकदमा करूंगी।
बिहार विधानसभा के विशेष सत्र में भाग लेने पहुंचीं राबड़ी देवी ने कहा, नई सरकार के गठन से भाजपा डर गयी है। केंद्रीय एजेंसी की छापेमारी से हम डरने वाले नहीं है। बिहार की जनता सब देख रही है। बिहार विधानसभा के इस विशेष सत्र में भाग लेने पहुंचे जनता दल (यूनाइटेड) (जदयू), राजद, कांग्रेस और वाम दलों सहित कुल सात दलों के महागठबंधन के विधायकों ने इसे ‘लोकतंत्र की हत्या’ बताते हुए इसके विरोध में नारे लगाए। राजद प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने कहा, ‘‘मुझे कोई खास हैरानी नहीं हुई। मैंने कल रात ही एक ट्वीट में कहा था कि ईडी (प्रवर्तन निदेशालय), सीबीआई और आईटी (आयकर) बिहार में अपने-अगले अभियान की योजना बना रहे हैं। राजद के नेता एवं राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने कहा, ईडी हो या सीबीआई, इस तरह के सभी छापे भाजपा को लाभ पहुंचाने के लिए मारे जाते हैं। कांग्रेस नेता असित नाथ तिवारी ने ट्वीट किया, तात्कालिक लाभ के लोभ में एक राजनीतिक पार्टी के लिए काम कर रहे सीबीआई और ईडी के कुछ अधिकारी ये भूल गए हैं कि सत्ता ना तो मुसोलिनी की स्थाई रही और ना ही हिटलर की। कल जब सत्ता बदलेगी, तो इन अधिकारियों के अनैतिक कार्यों की जांच वही एजेंसी करेगी, जिसके आज ये अधिकारी हैं।
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जदयू ने कहा-राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल
जदयू के मुख्य प्रवक्ता और बिहार विधान परिषद के सदस्य नीरज कुमार ने कहा, केंद्र सरकार ने सीबीआई और ईडी को राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की बिहार में खतरनाक कोशिश की है। राज्य सरकार आज बहुमत परीक्षण से गुजरने वाली है, तो ये सीबीआई और ईडी से शक्ति परीक्षण करा रहे हैं। राज्य में सत्ता से बाहर हो चुकी एवं केंद्र में सत्तासीन भाजपा के पास) विधायकों की संख्या नहीं है, लेकिन बिहार में कुचक्र रचा जा रहा है। उन्होंने कहा, यह लोकतंत्र की भूमि है।
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भाजपा बोली- पार्टी की कोई भूमिका नहीं
भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल से महागठबंधन सरकार के सदन में शक्ति परीक्षण के दिन राजद नेताओं के घर छापेमारी किए जाने के पीछे उनकी पार्टी की कोई भूमिका होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि दिन और समय का निर्धारण केंद्रीय एजेंसी स्वयं करती हैं। उन्होंने यह भी कहा, यह सब कुछ लालू प्रसाद पर रेल मंत्री रहते हुए भूखंड के बदले नौकरी दिए जाने का आरोप है।
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क्या है मामला
सीबीआई ने 2008-09 में मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर एवं हाजीपुर के रेलवे जोन में नौकरी पाने वाले 12 लोगों के अलावा राजद सुप्रीमो, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और उनकी बेटियों मीसा भारती और हेमा यादव को इस मामले में नामजद किया है। केंद्रीय एजेंसी ने 23 सितंबर, 2021 को जमीन के बदले रेलवे में नौकरी देने संबंधी घोटाले को लेकर प्राथमिकी दर्ज की थी। एजेंसी के अनुसार, उम्मीदवारों को रेलवे अधिकारियों ने ‘अनुचित तरीके से जल्दबाजी’ में आवेदन करने के तीन दिनों के भीतर समूह ‘डी’ पदों पर स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था। बाद में उनकी नौकरी को नियमित कर दिया गया था।
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अवैध खनन मामला
ईडी को छापे में मिले दो एके राइफल
रांची। प्रवर्तन निदेशालय ने बुधवार को कथित अवैध खनन से संबंधित धन शोधन की जांच के तहत झारखंड में कई स्थानों पर छापेमारी की। छापे में एके सीरीज की दो राइफलें बरामद कीं। हथियार रांची के एक मकान की अलमारी में रखे गए थे। परिसर प्रेम प्रकाश नामक व्यक्ति से संबद्ध है। संघीय जांच एजेंसी अभियान के तहत झारखंड, पड़ोसी बिहार, तमिलनाडु और दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में लगभग 17-20 परिसरों पर कार्रवाई कर रही है। सूत्रों ने बताया कि झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के राजनीतिक सहयोगी पंकज मिश्रा और मिश्रा के सहयोगी एवं बाहुबली बच्चू यादव से पूछताछ के बाद ताजा सूचना सामने आने पर यह छापेमारी की गयी। मिश्रा और यादव दोनों को कुछ समय पहले इस मामले में ईडी ने गिरफ्तार किया था। ईडी की जांच तब शुरू हुई जब एजेंसी ने अवैध खनन और जबरन वसूली के कथित मामलों के संबंध में आठ जुलाई को मिश्रा और उनके कथित सहयोगियों के परिसरों पर छापा मारा था जिसमें झारखंड के साहिबगंज, बरहेट, राजमहल, मिर्जा चौकी और बरहरवा सहित 19 स्थान शामिल थे।
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