-नहीं कम हो रहीं कांग्रेस की मुश्किलें
-सोनिया-राहुल को एक-के-बाद-एक लग रहा झटका
-इससे पहले सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद व आनंद शर्मा ने भी किया था पद त्याग
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, कुछ देर पहले उन्होंने कहा था कि उन्होंने पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से इस्तीफा दिया है। इसके कुछ ही देर बाद उन्होंने पार्टी छोड़ने का भी एलान कर दिया।
कांग्रेस को एक-के-बाद-एक झटके लग रहे हैं। इससे पहले सीनियर लीडर गुलाम नबी आजाद व आनंद शर्मा ने भी पद त्याग किया था। पहले गुलाम नबी आजाद और अब आनंद पहले जम्मू-कश्मीर अभियान समिति के प्रमुख के रूप में आजाद ने वहीं, शर्मा ने हिमाचल चुनाव से पहले संचालन समिति की अध्यक्षता से इस्तीफा दिया था। जी-23 के दिग्गज नेता कपिल सिब्बल पहले ही सपा जॉइन कर राज्यसभा पहुंच गए हैं।
शेरगिल ने सोनिया गांधी को लिखे अपने त्याग पत्र में कहा कि मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि निर्णय लेना अब जनता और देश के हितों के लिए नहीं है, बल्कि यह उन लोगों के स्वार्थी हितों से प्रभावित है, जो चाटुकारिता में लिप्त हैं और लगातार जमीनी हकीकत की अनदेखी कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी में निजी हितों को प्राथमिकता मिल रही है, जबकि सार्वजनिक और राष्ट्रीय हितों की अनदेखी की जा रही है। शेरगिल ने अपने पत्र में कहा कि प्राथमिक कारण यह है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वर्तमान निर्णय निर्माताओं की विचारधारा और दूरदृष्टि अब युवाओं और आधुनिक भारत की आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं है। शेरगिल पेशे से वकील हैं और कांग्रेस के युवा नेताओं में प्रमुख लोगों में से एक थे। वह पंजाब का रहने वाले हैं। शेरगिल का इस्तीफा ऐसे समय में आया है, जब एक के बाद एक कई युवा कांग्रेस नेताओं ने पार्टी को अलविदा कह दिया है। पार्टी छोड़ने वाले प्रमुख कांग्रेस नेताओं में ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद भी शामिल हैं, जो अब भाजपा सरकार में अहम पदों पर हैं।
बताए इस्तीफे के कारण
शेरगिल ने कहा, आज मैंने इस्तीफा दो कारणों से दिया है। आज कांग्रेस पार्टी के निर्णय जनहित में नहीं कुछ लोगों के हित में निर्णय लिए जा रहे हैं। वास्तविकता से मुंह मोड़ा जा रहा है, जनता के मुद्दों से मुंह मोड़ा जा रहा है। कांग्रेस के जो निर्णय लिए जाते हैं उसमें आपकी काबिलियत, जनता की आवाज, युवाओं की अपेक्षाओं को नजरअंदाज करके सिर्फ कुछ लोग जो चुनाव भी हार चुके हैं, केवल उनकी ताजपोशी हो रही है।
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